श्रीमाली ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए कई सामूहिक संकल्प
ब्रह्म निष्ठ श्री श्री हितेश्वरा नंद सरस्वती महाराज का मिला पावन सानिद्य
श्रीमाली ब्राह्मण समाज के राष्ट्रीय अधिवेशन में लिए कई सामूहिक संकल्प
ब्रह्म निष्ठ श्री श्री हितेश्वरा नंद सरस्वती महाराज का मिला पावन सानिद्य
राजसमंद। श्रीमाली ब्राह्मण समाज संस्था पुष्कर के तत्वाधान में श्रीमाली समाज की उत्पति स्थल व श्री से विस्थापित ऐतिहासिक तथा सांस्कृतिक महाकवि माघ की नगरी भीनमाल में 28 व 29 दिसम्बर को एकत्रित हजारो समाज प्रवर श्रेष्ठ गणों व राष्ट्रीय अध्यक्ष विधुशेखर दवे की उपस्थिति में समाज में व्याप्त कुरीतियों के शमन हेतु अहम फैसले लिये तथा न्यात गंगा ने इन फैसलो को लागू करने का संकल्प लिया ।
विधुशेखर दवे राष्ट्रीय अध्यक्ष श्रीमाली ब्राह्मण समाज ने बताया कि प्री वेडिंग, रिंग सेरेमनी, पैरावणी, हल्दी- रस्म, अन्तर्जातीय विवाह सहित अन्य फीजुल खर्च पर सभी की सहमति से निर्णय लिया जाकर इसे पूरे भारतवर्ष में लागू किया जावेगा।
संस्था के सचिव कैलाश ञिवेदी ने बताया कि पहली बार बम्बई, सुरत, पूना, बैंगलोर, कलकत्ता, मध्यप्रदेश, मालवा, मेवाड़, मारवाड़ , हाड़ौती से इतनी बड़ी संख्या में समाजजन शामिल हुए। इस बार राष्ट्रीय सम्मेलन में मातृ शक्ति क्रियाशील युवक युवतियों सहित सकल भारत वर्ष के सम्मानित स्वन्याती विप्र शिरोमणि गार्गी व मैत्रेयी समकक्ष महिलाओं की भारी तादाद में उपस्थिति रही।
राष्ट्रीय युवा अध्यक्ष आकाश ओझा के नेतृत्व में भारी संख्या में युवाओं की उपस्थिति रही। राष्ट्रीय मंथन सम्मेलन का संचालन डॉ घनश्याम व्यास भीनमाल ने किया।
राष्ट्रीय प्रवक्ता ओमप्रकाश श्रीमाली ने बताया की पूरे भारतवर्ष से समाज के लगभग 100 से ज्यादा विभिन्न संगठन व ईकाईयो ने भाग लिया। सम्मेलन में वासुदेव अवस्थी मुख्य संयोजक, दिनेश दवे नवीन समन्वयक, काॅतिलाल ओझा, सुरेंद्र त्रिवेदी, शेखर व्यास , महेन्द्र दवे,मार्ग दर्शक, डॉ घनश्याम व्यास भीनमाल, भगवती प्रसाद दवे, प्रवीण दवे, चिरंजीलाल दवे, श्रीकांता श्रीमाली, नरेंद्र दवे, कैलाश श्रीमाली, सुरेश त्रिवेदी, गणपतलाल ओझा, रेवा शंकर दवे, सत्यनारायण दवे, मदन त्रिवेदी, जयंतीलाल व्यास, सुकनलाल दवे, जयंतीलाल दवे, किशोर शर्मा, नरेंद्र दवे (खीमजी), मनोहर शर्मा,कमल ठाकुर, ललित शर्मा, छगनलाल ठाकुर, उदयन व्यास, शांतिलाल ओझा, गौरीशंकर दवे , दिनेशचनद्र श्रीमाली आदि ने इस महासम्मेलन को संबोधित कर अपने प्रखर विचार व्यक्त किये।
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