साल गुज़र रहा है , कुछ यूं विदा लेना...
कवयित्री ने कविता की पंक्तियों के माध्यम से गुजरते वर्ष को अलविदा कहा
साल गुज़र रहा है , कुछ यूं विदा लेना...
कवयित्री ने कविता की पंक्तियों के माध्यम से गुजरते वर्ष को अलविदा कहा
राजसमंद। जिले की कवयित्री अन्नु राठौड़ ( रुद्रांजली ) ने कुछ इस अंदाज से कविता की पंक्तियों के माध्यम से गुजरते वर्ष को अलविदा कहा...
साल गुज़र रहा है , कुछ यूं विदा लेना...
ना रखना गिला शिकवा कोई,
दिल से गमों को मिटा देना।
संजोए रखना यादें सारी अच्छी ,
आज बुरी यादें सारी भुला देना।
सुख- दुःख तो आते जाते रहेंगे,
तुम हर वक्त ज़रा मुस्कुरा देना।
खोजते हो बुराइयां हज़ार दूसरों में ,
पल भर आज खुद को भी निहार लेना।
राह दिखाना भटके हुओ को,
और गिरते हुए को भी उठा देना।
साथ न भी दो किसी का तो न सही ,
रास्ते में उसके कांटे न बिछा देना ।
कोई हार गया हो हिम्मत गर,
हौंसला उसका तुम बढ़ा देना।
जल रहे हो जो ईर्ष्या भाव में गर,
दीप स्नेह- प्रेम के अब जला देना।
इतना लालच और अहम ,बेवजह की ये होड़ कैसी है?
कहां पहुंचना है आखिर तुमको, आज खुदको ये समझा देना।
बेवजह - सी ये नफरत क्यों और किसलिए है,
इंसान बनना ,अब इंसानियत दिखा देना।
कोई बात जो तुमसे छोटी करे ,
तुम बड़प्पन उसको दिखा देना।
साल गुज़र रहा है कुछ यूं विदा लेना....!
'' कवयित्री अन्नु राठौड़ ( रुद्रांजली)''
काव्यगोष्ठी मंच, कांकरोली
राजसमंद।
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